अपने देश की मजबूत कांग्रेस सरकार के अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री की संपादकों के साथ हुई प्रेस वार्ता में प्रधान मंत्री जी ने बड़ी ही साफगोई से सवालों के जबाब दिए । प्रधान मंत्री जी बड़े अनुभवी हैं । कूटनीति में माहिर हैं । तमाम चुनौतियों से घिरी कांग्रेस सरकार का नेतृत्व अरसे से यूँ ही नहीं कर रहे हैं ।
उन्होंने माना कि घोटालों के उछलने से भारत की विश्व में छवि ख़राब हुई है ; वे जे० पी० सी० का सामना करने को तैयार हैं ; राजा ने उन्हें बताया था कि टू जी स्पेक्ट्रम मामले में पारदर्शिता बरती गयी थी तथा वे (राजा )पाक -साफ हैं और एक अच्छे पी एम की तरह उन्होंने विश्वास कर लिया था ;राजा व मारन उनकी नहीं डी० एम्० के० की पसंद थे ,अतः उनके गलत कार्यों की जिम्मेवारी उनकी नहीं है ;दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा ।
उन्होंने कहा कि विपक्ष सकारात्मक भूमिका नहीं निभा रहा है विशेषकर बी० जे० पी० , जबकि सरकार सही काम करना चाह रही है । संसद को ठप्प करना अच्छी बात नहीं है । विपक्ष उसी तरह आचरण कर रहा है जैसे सीधे -सादे बच्चे को शैतान बच्चे छेड़ते हैं ।
प्रधानमंत्री जी ने सारा दोष गठबंधन सरकार को दिया जिसमे प्रधानमंत्री को मजबूर होकर समझौत्ते करने पड़ते हैं , क्योकि किसी भी तरह सरकार चलाना लोकतान्त्रिक धर्म जो है ।
आखिर में प्रधान मंत्री जी ने सारे देश को बता दिया कि वे सीधे सच्चे इन्सान हैं ,अच्छा काम करना चाहते हैं , जो भी गलत हो रहा है उसके लिये दूसरे लोग जिम्मेवार हैं ,उनका कोई उत्तरदायित्व नहीं है । विपक्ष को उन्हें परेशान नहीं करना चहिये ।
अंत में बड़ी ही मासूमियत से एन मंजे हुए राजनेता की तरह उन्होंने कह ही दिया - मुझको यारो माफ़ करना .......मै मजबूर हूँ । .....इस मासूमियत पर कौन न कुर्बान हो याये खुदा ....
Wednesday, February 16, 2011
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प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि वे उतने दोषी नहीं जितने की मीडिया द्वारा दिखाए जा रहे हैं.
ReplyDeleteइसका अर्थ है कि वे कुछ दोषी तो जरूर हैं. ये हम नहीं, मीडिया नहीं स्वयं मनमोहन जी ही स्वीकार रहे हैं.
आखिर अब वे खुद ही बताएं कि उतने नहीं तो कितने दोषी हैं????