Wednesday, January 13, 2021

आवाहन..... चलो! मिटायें सारी भ्रांति

आज पर्व है   मकर संक्रांति, 
दिखे सूर्य में भी नयी कान्ति; 
जीवन को  हम नयी दिशा दें,
मिटे   ह्रदय  से सारी भ्रान्ति।

             आज मिटाये   मन का कुहरा,
              दिखे समाज का नूतन चेहरा;
              शान्ति  और  सद्भाव   बढायें, 
              लेवें  सब  संकल्प  यह गहरा।

गर    विभेद     बढ़ते  जायेगें,
आपस    में    विश्वास  घटेगा;
भ्रम,  अफवाहों  की आँधी  में, 
यह    समाज  और देश बटेगा।

               आखिर   हम   सब   भाई-भाई,
                यह  ही  है   अंतिम     सच्चाई;
                चलो     मिटायें    सारी  भ्रान्ति,
                सार्थक  हो पर्व  'मकर संक्रांति'।

        मकर संक्रांति पर हार्दिक शुभकामनायें

1 comment:

  1. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति। बधाई।

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