किसी का नाम तो राष्ट्रपति पद के लिये घोषित होना ही था और हो भी गया .भाजपा में ही इस चयन पर ज़मीनी स्तर पर असंतोष के स्वर मुखर होते दिखाई दे रहे हैं .
यह दुर्भाग्य है देश का कि एक ऐसा संवैधानिक पद ,जो राज्य प्रधान होने के साथ संविधान के संरक्षक का भी है , वोट पलिटिक्स केभँवर मे फँस गया है .दलित ,अल्पसंख्यक ,उत्तर - दक्षिण और yesman जैसे आधारों पर इस पद पर उम्मीदवारों का चयन होता आया है .इस प्रक्रिया में कभी -कभी विद्वान व्यक्ति भी च चयनित हुए हैं जैसे - सर्वपल्ली डा. राधाकृष्णन ,ज़िन्होने Indian presidency को एक नया व गरिमापूर्ण आयाम दिया .कलाम साहब भी इसी श्रेणी में आते हैं .
पर सात दशकों पुराने हमारे परिपक्व लोकतंत्र में इन आधारों पर राष्ट्रपति पद पर चयन नहीं होना चाहिये वरन योग्यता व देश को दिये विशिष्ट योगदान के आधार पर इस पद पर चयन हो तो देश की छवि उज्जवल होगी .आखिर राष्ट्रपति अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करता है .
Monday, June 19, 2017
राष्ट्पति पद पर उम्मीदवार का चयन
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