Saturday, February 27, 2010

छाये रंगों की ऐसी बहार होली में

होली का त्यौहार भारतीय सांस्कृतिक जीवन में एक नये उल्लास का संचार करता है । गरीब हो या अमीर ,सभी अपनी समस्याओं को इस अवसर पर भुला कर मस्ती से सराबोर हो जाते हैं और जीवन की जटिलताओं से पल भर को पा लेते है । इस पावन अवसर पर कुछ काव्यात्मक अभिव्यक्ति की इच्छा हुई ।
............... होली में ..................
छाये रंगों की ऐसी बहार होली में ,
आये मन में ऐसा खुमार होली में ,
तन के संग , मन भी रँग जाएँ ;
उठे ऐसी हुँकार होली में
भूलें सब राग-द्वेष होली में ,
दिखे सदभाव का परिवेश होली में ,
भूल जायें क्षेत्र,भाषा,जाति की बातें ;
दिखायें एकता का वेष होली में
दिल जोड़ने का आये विचार होली में ,
खुशियों की छाये बहार होली में ,
भूले सभी सारे गिले -शिकवे ;
बहे देश में ऐसी बयार होली में
..........................ब्लॉग जगत के सभी पाठकों को होली की हार्दिक शुभकामनायें ..............................

2 comments:

  1. सराबोर करदे तनमन सात रंगों से
    हो जाओ तैयार होली में
    मय के नशे से गाढ़ा है रंगों का नशा
    जिसका उतरे न ख़ुमार होली में
    गले मिलो ऐसे कि दिल भी मिल जाएँ
    हो प्यार बेशुमार होली में

    आपकी उत्कृष्ट कविता के इन्द्रधनुषी बधाई - वीणा

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  2. आपकी उत्कृष्ट कविता के लिए इन्द्रधनुषी बधाई - वीणा

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