Friday, July 17, 2009

अबला -सबला : गाली - बदला

अपने देश की राजनीति नई ऊँचाइयों पर है। शिखर पर कई महिलाएं हैं। यू० पी० में माया -रीता की जंग जारी है। रीता की डोर सोनिया गाँधी के हाथ में है। विधान सभा चुनाव की तैयारियाँ चल रहीं हैं। दलित वोट बैंक निशाने पर है। मुद्दा चाहे दलित उत्पीड़न हो या बलात्कार का। फायरब्रांड महिला नेता सुर्खियों में हैं। मीडिया भी मजे ले रहा है। संस्कार,शालीनता और संसदीय मर्यादित भाषा अब असरदार कहाँ रही ? महिला भी अब अबला नहीं रही । "अबला तेरी हाय तुम्हारी यही कहानी , आँचल में है दूध और आंखों में पानी " लिखने वाले मैथिलीशरण जी कम से कम राजनीति में तो अब अप्रासंगिक हो गए हैं। भारतीय राजनीति अबला अब सबला है। इंदिरा गाँधी से ले कर जयललिता, मायावती और वसुंधरा तक का यही इतिहास रहा है कि महिला राजनीतिज्ञों ने जब भी शिखर छुआ ,सत्ता को उन्होंने अपने स्वार्थ एवं अहम् की पूर्ति के साधन के रूप में प्रयुक्त किया। अब तो गाली और बदला राजनीति में आम हो गए हैं। अब तो यही कहना चाहिए ," सबला तेरी राजनीति में यही कहानी , मुँह में गाली और प्रकृति में हो मनमानी । " ईश्वर ( अगर है तो )देश की रक्षा करे।

1 comment:

  1. राजनीति के नये शब्द प्रतिमान
    आये जो बला के साथ - अबला (आ बला)
    जो खुद में बला हो - सबला

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