सारा देश आज 70वां ' गणतंत्र दिवस ' मना रहा है .हम 15 अगस्त को 'स्वतंत्रता दिवस' भी मनाते हैं .दोनों दिवसों की अलग -अलग महत्ता है .
' स्वाधीनता ' विदेशी शासन के साथ लम्बे संघर्ष में हमारे अनगिनत वीरों की कुर्बानियों का परिणाम है . 15 अगस्त को हमें विदेशी गुलामी से मुक्ति मिली. इसलिये इस दिन हम 'स्वतंत्रता दिवस' मनाते हैं ...
जब किसी से यह पूछा जाता है कि हम गणतंत्र दिवस क्यूँ मनाते हैं ? तो प्राय: एक ही जबाब आता है कि आज के दिन हमारा संविधान लागू हुआ था ....अधिकतर कार्यक्रमों में वक्ताओं के भाषण दोनों दिवसों पर एक जैसे होते हैं ....नेता व अधिकारी भी इनके फर्क को बहुत कम जानते हैं.
यह सच हैं कि आज के दिन हमारा संविधान लागू हुआ था .पर इस संविधान ने हमारे देश एक 'गणतंत्र' घोषित किया था .अत:संविधान को जानने के लिये हमें ' गणतंत्र ' को जानना ज़रूरी है.
विश्व इतिहास के अध्ययन से स्पष्ट होता है कि अधिकतर देशों में पहले 'राजतंत्र' ही थे .समय के साथ राजतंत्र का लोकतंत्रीकरण सबसे पहले ब्रिटेन में हुआ जहां सीमित राजतंत्र को अपनाया गया है .जबकि लोकतंत्र का घर ब्रिटेन को ही माना जाता है .
'संयुक्त राज्य अमेरिका' विश्व का सबसे पहला राज्य था जिसने स्वयं को 'गणतन्त्र' था .उसके बाद कई राज्यों ने गणतंत्र घोषित किया . फ्रांस,भारत, चीन , रूस सभी गणतांत्रिक राज्य हैं.
गणतंत्र (Republic) को परिभाषित करते हुए Encyclopedia of Britainica में बताया गया है कि गणतंत्र वह लोकतांत्रिक प्रणाली है ज़िसकी दो प्रमुख विशेषतायें होती हैं -
प्रथम , राज्य प्रधान जनता द्वारा निर्वाचित( प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष ) होता है ,
द्वितीय , राज्य प्रधान वंशानुगत नहीं होता .
हमारे देश में भी गणतांत्रिक संविधान अंगीकृत किया गया है इसका अर्थ है कि भारत के प्रत्येक नागरिक को यह अवसर प्राप्त है कि वह अपनी योग्यता व क्षमता के आधार पर बिना किसी भेदभाव राज्य के सर्वोच्च पद( राज्य प्रधान) पर पहुँच सके .
हमारे देश में विभिन्न दलित व पिछड़े वर्गों के व्यक्ति भी राष्ट्रपति के रूप में राज्य प्रधान के सर्वोच्च पद पर पहुचे हैं जैसे - आर के नारायणन ( दलित S C ). ग्यानी जैल सिंह ( बढ़ई ).कलाम साहब (मछुआरा परिवार )और वर्तमान में कोविंद जी.यह गणतंत्र में ही संभव है .
ब्रिटेन ,जापान,स्पेन ,आस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे राज्य लोकतांत्रिक जरूर हैं पर इन देशों में राज्य प्रधान वंशानुगत होता है .अत: ये राज्य सीमित राजतंत्र की श्रेणी में आते हैं.
26 जनवरी 1950 के दिन संविधानसभा ने हमारे देश के लिये एक ऐसे गणतान्त्रिक संविधान को अंगीकृत किया था जो संप्रभु, समाजवादी, पंथ निरपेक्ष,लोकतांत्रिक व गणतंत्र के निर्माण का वचन देता है ज़िसमें सभी को स्वतंत्रता ,समानता व न्याय की सुरक्षा मिले .,सभी भाईचारे के साथ रहें .भारतीय संविधान की प्रस्तावना उक्त बातो को उदघोषित् करती है .
इसी कारण हम 'गणतंत्र दिवस' मनाते हैं
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 01/02/2019 की बुलेटिन, " देश के आम जनमानस का बजट : ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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