Sunday, November 21, 2010

छेड़छाड़ का मैराथन

आज दिल्ली में हुई मैराथन दौड़ में कई हस्तियों ने भाग लिया। फिल्म जगत से अभिनेत्री विपासा बसु एवं गुल पनाग ने भी हिस्सा लिया आयोजन सफल रहा पर इस की गरिमा को ठेस तब पहुंची जब मीडिया चैनलों ने अभिनेत्री गुल पनाग की आपबीती टेलीकास्ट की । गुलपनाग का कहना था की दौड़ के दौरान कई लागों ने उनसे छेड़छाड़ कीउनके शब्दों में ,"जिसको भी मौका मिला उसने हाथ मार दिया" उन्होंने इसे दिल्लीवासियों की कुंठित मानसिकता बताते हुए कहा कि उन्होंने सात साल पहले दिल्ली छोड़ी थी और उन्हें उम्मीद थी कि यहाँ के लोग ,जो कामनवेल्थ गेम जैसा आयोजन गरिमापूर्ण तरीके से कराचुके हैं , अब कुछ बदले होगे ,पर उनकी मानसिकता जस की तस है । लगता है सात साल पहले भी उन्हें कुछ इसी प्रकार की स्थिति झेलनी पड़ी होगी । उन्होंने मुंबई के माहौल को अधिक श्रेष्ठ बताया ।
गुल पनाग का यह बयान दिल्लीवासियों के मुँह पर तो करारा तमाचा है ही ,केंद्र एवं राज्य सरकार के लिये भी शर्मिन्दिगी की स्थिति उत्पन्न करता है । दिल्ली में आपराधिक तत्व बेलगाम हो रहे है ,पर मैराथन में तो देश के सभ्य एवं ख्यातिप्राप्त लोग भाग ले रहे थे । यदि किसी ट्रेन या बस में यह घटना होती इसे सामान्य वाकया कह कर टाला जा सकता था पर इस आयोजन में तो पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम भी रहे होगे फिर भी ऐसी ओछी हरकतें हो गयी, यह हमारे सम्पूर्ण समाज की दूषित मानसिकता का परिचायक है , यह इस आयोजन में सहभागिता कर रहे लोगों के लिये भी शर्मनाक है । इसकी कड़े स्वर में निंदा की जानी चाहिए । पर इस घटना पर सरकार व आयोजकों का मौन रहना व अब तक कोई भी टिप्पणी न करना और भी अधिक शर्मनाक है

2 comments:

  1. सचमुच शर्मनाक । भीड में आदमी का कोई चेहरा नही होता उसी का फायदा उठा कर वह ऐसी घिनौनी हरकतें करता है ।

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  2. ये तो भीड़ है, लोग आमने सामने में भी हाथ आजमाने में नहीं चूकते हैं. देश के लोगों का (बहुतायत लोगों का) चरित्र गिरता जा रहा है.
    जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड

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