Sunday, October 11, 2009

महाराष्ट्र चुनाव -विकास बनाम क्षेत्रीय सोच

महाराष्ट्र सहित तीन राज्यों में चुनाव प्रचार थम गया है । १३ अक्तूबर को जनता अपना निर्णय देगी। महाराष्ट्र में कांग्रेस -एन सी पी० एवं भाजपा -शिवसेना गठजोड़ के बीच मुकाबला है। चुनाव प्रचार में कई बातें देखने को मिलीं। ऐसा लगता कि एक लम्बी अवधि के लोकतान्त्रिक अनुभवों के बाद भी कुछ नेताओं की सामंतीय सोच में कोई बदलाव नहीं आया है वे मानते हैं कि जनता को जाति और क्षेत्र के बहकावे में कभी भी बरगलाया जा सकता है।
महाराष्ट्र में मराठी कार्ड पर घमासान मचा रहा। सोनिया जी ने छत्रपति शिवाजी का महिमा मंडन क्या किया ,'शिवसेना' और 'महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना' को लगा कि उनकी व्यक्तिगत जागीर पर कांग्रेस ने डाका डाल दिया । राज ठाकरे ने ने भरी सभा में सोनिया कि आवाज की व्यंग्यात्मक प्रस्तुति कर उनका मजाक उडाया । बाल ठाकरे ने भी ऐसी प्रतिक्रिया व्यक्त की ,मानो उन्होंने शिवाजी का नाम शिवसेना के लिए पेटेंट करा लिया हो ।इससे भी ज्यादा हास्यास्पद बात यह रही की उन्होंने जनता को आदेश दिया कि वह शिवसेना को वोट करे लोकतंत्र में इस आचरण का जनता क्या जबाब देती है यह समय ही बतायेगा, पर यह मानसिकता शर्मनाक है।
चुनाव आयोग ने हर चुनाव कि तरह इस बार भी आचारसंहिता लागू की ,पर इसका बार- बार उल्लंघन हुआ । केन्द्रीय मंत्री तक इसके दायरे में आये । ऐसा लगता है जैसे आचार- संहिता उल्लंघन करने के लिए ही बनती है
चुनाव प्रचार के दौरान व्यक्तिगत टिप्पणियां भी खूब की गयीं। उद्धव ने कहा,"राज ठाकरे सुपरमैन नहीं , सुपारीमैन हैं । " राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के बढते मोटापे को 'सत्ता सुख का प्रताप' बताया तो चव्हाण ने राज को राजनीति के बजाय कामेडी करने की सलाह दी।
यद्यपि न्यूज चैनलों के अनेक सर्वे यह बता रहे है की इस चुनाव में महगाई,आतंकवाद एवं बेरोजगारी के मुद्दे महाराष्ट्र में अधिक प्रभावी हैं । पिछले कई राज्यों व लोकसभा चुनावों में विकास व सार्वजानिक हित के राष्ट्रीय मुद्दों को जनता ने अधिक वरीयता दी है ,पर महाराष्ट्र में मराठा कार्ड व सामंतीय सोच कितना प्रभावी होगा ?यहचुनाव परिणाम ही बतायेगे ।

1 comment:

  1. koi kuchh bhi kahe Maharashtra men Media dwara dikhai ja rahi sthiti se alag sthiti hai.
    Jahan tak baat THAKRE sadasyon ki hai to sab apna SHAKTI-PRADARSHAN kar rahe hain.
    waise bhi RAJ ko wahan ki public ka samarthan jyada hai.

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