tag:blogger.com,1999:blog-1168851729322592362.post2362131044834692032..comments2023-10-05T06:07:31.263-07:00Comments on Pearls of Thoughts: बेशर्मी का जश्न . ..Dr.Aditya Kumarhttp://www.blogger.com/profile/01722871928993772254noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-1168851729322592362.post-14988441486704814512009-07-14T04:05:07.164-07:002009-07-14T04:05:07.164-07:00यह घटना हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था की स्थिति को ...यह घटना हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था की स्थिति को भली-भांति दर्शाती है। <br />इस निर्णय और इसके कारणों के बारे में क्या कहा जाये?राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगरhttps://www.blogger.com/profile/16515288486352839137noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1168851729322592362.post-21054088281169528952009-07-14T02:22:46.302-07:002009-07-14T02:22:46.302-07:00वाकई यह बेशर्मी का जश्न ही है और हम रोज रोज होने ...वाकई यह बेशर्मी का जश्न ही है और हम रोज रोज होने वाली इन बेशर्मियों के गवाह हैं। और इन सबके बावजूद हमारे समाज को सहिष्णु होने का तमगा दिया जाता है। प्रो सभरवाल के मामले में यह हाल है तो देश की 80 करोड़ गरीब आबादी का क्या होता होगा यह भी सोचने की बात है। पर मुख्य बात यह है कि हमारी कानून व्यवस्था इतनी असहाय क्यों है और इसे सुधारने के लिए कहीं से कोई पहल नहीं दिखाई पड़ती है। ऐसी घटनाओं ने अगर समाज को विचलित करना बंद कर दिया है तो सोचना पड़ेगा कि हम सभ्यता के युग के जी रहे हैं या असभ्यता के।<br /><br />यह किसी एक राजनीतिक दल की बात नहीं है आज सभी राजनीतिक दल अपने-अपने प्रभुत्व वाले इलाकों में यही कर रहे हैं। और राजनीतिक दलों से हमें कोई उम्मीद भी नहीं करनी चाहिए।जय पुष्पhttps://www.blogger.com/profile/01821339425026535625noreply@blogger.com